गुरुवार, 26 मई 2016

नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति -उद्देश्य एवं कार्य

समिति का गठन :  राजभाषा विभाग के दिनांक 22-11-1976 के कार्यालय ज्ञापन सं. 1/14011/12/76-रा.भा.(क-1) के अनुसार देश के उन सभी नगरों में जहां केन्द्रीय सरकार के 10 या 10 से अधिक कार्यालय हों, नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति का गठन किया जा सकता है ।समिति का गठन राजभाषा विभाग के क्षेत्रीय कार्यान्वयन कार्यालयों से प्राप्त प्रस्ताव के आधार पर भारत सरकार के सचिव, राजभाषा विभाग की अनुमति से किया जाता है।
उद्देश्य:  नगर राजभाषा कार्यान्व्यन समितियों को बनाने का उद्देश्य केन्द्र सरकार के देशभर में फैले कार्यालयों/उपक्रमों/बैंकों आदि में राजभाषा के प्रयोग को बढ़ावा देने और राजभाषा नीति के कार्यान्वयन के मार्ग में आई कठिनाइयों को दूर करने के लिए एक संयुक्त मंच प्रदान करना है। इस मंच पर कार्यालयों/उपक्रमों/बैंकों आदि के अधिकारी हिंदी के प्रयोग को बढ़ाने के लिए चर्चा तथा उत्कृष्ट कार्यप्रणालियों की जानकारी का आदान-प्रदान कर अपनी अपनी उपलब्धि स्तर में सुधार ला सकते हैं।
अध्यक्षता: इन समितियों की अध्यक्षता नगर विशेष में स्थित केंद्रीय सरकार के कार्यालयों/उपक्रमों/बैंकों आदि के वरिष्ठतम अधिकारियों मे से किसी एक के द्वारा की जाती है। समिति के गठन का प्रस्ताव भेजते समय, प्रस्तावित अध्यक्ष अपनी लिखित सहमति विभाग को भेजते हैं जिस पर सचिव, राजभाषा विभाग के अनुमोदन के पश्चात उन्हें अध्यक्ष नियुक्त किया जाता है।
सदस्य सचिव: समिति के सचिवालय के संचालन के लिए समिति के अध्यक्ष अपने कार्यालय अथवा किसी अन्य सदस्य कार्यालय से एक हिन्दी विशेषज्ञ को उसकी सहमति से समिति का सदस्य सचिव मनोनीत करते हैं।समिति के कार्यकलाप, अध्यक्ष की अनुमति से, सदस्य सचिव द्वारा किए जाते हैं।
बैठकें: वर्ष में समिति की दो बैठकें आयोजित की जाती हैं। प्रथम बैठक गठन के दो माह के अंदर व दूसरी उसके छ:माह पश्चात की जानी अपेक्षित है। समिति की बैठकों के लिए माहों का निर्धारण राजभाषा विभाग द्वारा जारी कैलेंडर के अनुसार किया जाता है।